जयपुर नगर में बारिश के अधिक होने के कारण डेंगू और मलेरिया के केस में वृद्धि दर्ज की जा रही है। प्रतिदिन जयपुर नगर में लगभग 11 डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं, जिसके कारण अस्पताल में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य के अन्य जिलों से भी रोगियों का जयपुर में आगमन बढ़ गया है।
राज्य के सरकारी आंकड़े चिंताजनक हैं, प्रतिदिन लगभग 125 नए डेंगू के मामले दर्ज हो रहे हैं। इस आकस्मिक बढ़ोतरी के कारण प्राइवेट अस्पतालों में भी भरपूरी हो रही है, और कई अस्पताल ने राज्य सरकार की हेल्थ स्कीम के तहत डेंगू रोगियों को भर्ती करने से इंकार कर दिया है। यहाँ तक कि रात के समय अधिकतर अस्पतालों में बेड की घातक कमी हो रही है, जिसके कारण अनेक रोगियों को अन्य अस्पतालों में भेज दिया जा रहा है।
स्थिति को और भी जटिल बना दिया गया है क्योंकि अब प्लेटलेट्स की भी मांग में वृद्धि हो रही है, जो डेंगू के इलाज में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
अगस्त महीने में जयपुर में प्रतिदिन 21 डेंगू के केस आ रहे थे, जो अब सितंबर में 11 पर पहुंच गए हैं। लेकिन समग्र राज्य में डेंगू के केस बढ़ रहे हैं। 1 सितंबर को 2830 केस थे, जो 15 सितंबर तक 4674 पर पहुंच गए। जयपुर अकेले में 880 केस हैं। सिरोही और जालोर जैसे जिलों में सिर्फ 3-3 केस दर्ज हुए हैं, जबकि डेंगू से 6 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कुछ जिलों में, जैसे कोटा, झालावाड़, बीकानेर, और बारां, पिछले 15 दिनों में डेंगू के केस दोगुने हो गए हैं। और जिलों में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं।
संक्षेप में, जयपुर और राजस्थान में डेंगू के केस बढ़ रहे हैं और इस समस्या का समाधान अभी भी अदृश्य है। सरकारी और निजी सेक्टर के अस्पतालों में भरपूरी, रोगियों की अधिक संख्या और प्लेटलेट्स की कमी से स्थिति और भी प्रकोपित हो रही है। इस समय, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को तत्परता से कार्य करना होगा ताकि ज्यादा लोग डेंगू से प्रभावित न हों और जो पहले से प्रभावित हैं, उन्हें सही समय पर उपचार मिल सके।
Add Comment