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लेखराम खिलेरी: गाँव से एशियाई खेलों तक की रोइंग यात्रा

भारतीय रोइंग जगत में नई ऊँचाइयों को छूने वाले लेखराम खिलेरी ने हाल ही में चीन के हांगझाऊ में आयोजित एशियाई खेलों में ब्रोंज मेडल जीता। उनका साथी बाबूलाल यादव था, और दोनों ने मिलकर चीन में भारत का नाम रोशन किया।

लेखराम की जीवन यात्रा अद्वितीय है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के लखासर गाँव से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने जीवन के पहले वर्षों में कभी नौका नहीं देखा। उन्हें नौका चलाने का पहला अनुभव शहरी जीवन में मिला, जब वे तालाब में नहाने गए। इसके बाद, 2017 में आर्मी में शामिल होने के बाद, उन्हें नौकायन की दिशा में प्रोत्साहित किया गया।

लेखराम का प्रतिभाशाली होने की पहचान उनकी नौका चलाने की अद्वितीय स्पीड से हुआ, जिससे उन्हें नौकायन की पेशेवर ट्रेनिंग मिली। आर्मी ने उन्हें और उनकी टीम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए तैयार किया।

लेखराम ने स्वीजरलैंड में आयोजित वर्ल्ड नौकायन प्रतियोगिता में भी छठा स्थान प्राप्त किया। इस प्रतिस्पर्धा में भी उनका साथी बाबूलाल यादव था। उन्होंने अब तक कई अन्य प्रतियोगिताओं में भी सम्मानित होने का सम्मान प्राप्त किया है।

लेखराम का परिवार अब राजस्थान के बीकानेर शहर के तिलक नगर में रहता है। उनके पिता, जगनराम खिलेरी, बीएसएफ से रिटायर्ड होकर अब बैंक में कार्यरत हैं। उनके पारिवारिक जीवन में भी खुशियाँ बरस रही हैं, जैसा कि लेखराम के एशियाई खेल में मेडल जीतने पर उनके घर में मनाई जा रही खुशियाँ से प्रतित होता है।

इस तरह, लेखराम खिलेरी की कठिनाइयों भरी यात्रा और उनकी मेहनत ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान पर पहुंचाया, जहाँ उन्होंने भारतीय नौकायन में एक अद्वितीय पहचान बनाई है।