भारतीय कृषि और उसके विकास में नवाचार और प्रशिक्षण हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इसी संदर्भ में, एक उत्कृष्ट घटना घटी, जिसमें केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का उद्घाटन हुआ। इस विशेष अवसर पर, देश के कुछ प्रमुख नेता जुड़े थे।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उद्घाटन किया। साथ ही केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर, किसानों से संवाद भी किया गया ताकि उनके जीवन और व्यापार में सुधार साधा जा सके।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और कृषि विभाग के सचिव डॉ. हिमांशु पाठक भी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे। यह दिखाता है कि कैसे भारतीय सरकार कृषि में नवाचार और प्रशिक्षण को उत्तराधिकारी मानती है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ की आगमन की विस्तृत योजना भी बनाई गई थी। वे सुबह सवा ग्यारह बजे नाल एयरपोर्ट पर पहुंचे, और पौने बारह बजे संस्थान में। यहां विभिन्न नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समाप्त होते ही उपराष्ट्रपति ने वापसी की योजना बनाई। इस छोटे समय में, वे न केवल उद्घाटन में भाग लिए, बल्कि किसानों और अन्य अधिकारियों के साथ संवाद भी किया।
प्रशासन और पुलिस ने सुनिश्चित किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में कोई कमी न हो। नाल एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक की सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई थी। पुलिस अधिकारियों ने भी अपनी टीम को विशेष निर्देश दिए थे।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि भारतीय सरकार कृषि के विकास और किसानों के भलाई को कितना महत्व देती है। यह एक नई दिशा दिखाता है जहां प्रशिक्षण और नवाचार से कृषि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
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