बीकानेर के बज्जू थाने के कांस्टेबल बनवारी लाल की भ्रष्टाचार की घोर क्रियावली उजागर हो गई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उसे रिश्वत लेते वक्त पकड़ लिया।
इस पूरे मामले में, बनवारी लाल ने एक परिवाद को सुलझाने के लिए पंद्रह हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी ने उसकी यह अनैतिक और अवैध डिमांड का समर्थन नहीं किया और इसे एसीबी के सामने रख दिया।
एसीबी ने तुरंत इस पर अपनी कार्रवाई शुरू की और ट्रेप प्लान तैयार किया जिसके तहत परिवादी को रिश्वत देने के लिए जाने का आदेश दिया गया, जबकि एसीबी की टीम छिपी हुई थी ताकि वे कांस्टेबल को रंगे हाथों पकड़ सकें। और वैसा ही हुआ, जैसे ही बनवारी लाल ने पंद्रह हजार रुपए को अपने हाथ में लिया, एसीबी ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया। इसी क्रियावली में रिश्वत की राशि भी जब्त की गई।
बीकानेर के एडिशनल एसपी महावीर शर्मा की बताई अनुसार, बनवारी लाल की पूछताछ चल रही है। उसके घर की छानबीन और उसके बैंक खातों की जाँच हो सकती है।
अब यहाँ एक महत्वपूर्ण बात जो सामने आई है, वह है परिवादी की पहचान का गोपन। एसीबी ने परिवादी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है, जो उनकी पहले से चल रही नीति के अनुसार है। इसका मुख्य कारण यह है कि अक्सर शिकायत करने वाले को अन्य सरकारी कामों में परेशानी हो सकती है, और कई शिकायतकर्ता इसी शर्त पर शिकायत दर्ज करवाते हैं।
इस पूरे मामले में यह सिद्ध होता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें हमारी समाज में गहरी हैं, लेकिन उसका समाधान भी हमारे पास ही है। उचित समय पर कार्रवाई और जागरूक नागरिक इस समस्या को पार पार कर सकते हैं।
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