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भारतीय सेना की नई स्वदेशी हॉवित्जर तोप: ATAGS की खासियत

भारतीय सेना ने हाल ही में 400 हॉवित्जर तोपें खरीदने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया है। यह तोप डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) द्वारा निर्मित है, जो इसे पूरी तरह स्वदेशी बनाता है।

हॉवित्जर तोप अपने अद्वितीय विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। इसकी रेंज 48 किमी है और यह -30 से 75 डिग्री तक के तापमान में सटीकता से गोली चला सकता है।

इस तोप का और एक नाम “ATAGS” है, जो Advanced Towed Artillery Gun System का संक्षिप्त रूप है। ATAGS एक टोव्ड गन है, इसका मतलब है कि इसे ट्रक से खींचा जा सकता है। इसकी अद्वितीयता इसमें है कि यह बोफोर्स तोप की तरह गोला चलाने के बाद स्वयं कुछ दूर जा सकती है।

ATAGS को भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं संगठन (DRDO) की पुणे स्थित लैब, Armament Research and Development Establishment (ARDE) ने भारतीय उद्योग जैसे कि भारत फोर्ज लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस, टाटा पॉवर और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर विकसित किया है।

2013 में इसके विकास की शुरुआत हुई थी, और 2016 में इसका पहला सफल परीक्षण हुआ। यह तोप अपनी अद्वितीयताओं और बोफोर्स तोप से मिलती-जुलती क्षमताओं के चलते “देशी बोफोर्स” के रूप में भी जानी जाती है।

ATAGS की विशेषताएं उसकी उच्च रेंज, सटीकता, और उन्नत तकनीकी सुविधाएं हैं। इससे दागे जा रहे गोलों की रेंज 48 किमी है, जो बोफोर्स की तुलना में अधिक है। इसकी डिज़ाइन और संरचना को ध्यान में रखते हुए, इसे विभिन्न प्राकृतिक जलवायु और स्थितियों में उपयोग कर सकते हैं।

भारतीय सेना को इससे अपनी तोपची संख्या में वृद्धि मिलेगी, जिससे यह चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ अधिक सतर्क रह सकेगी। इस तोप की उच्च रेंज और सटीकता के चलते, इसे उचित समय पर सही स्थान पर पहुंचाया जा सकता है, जिससे युद्ध में यह सहायक हो सकता है।