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राज्य सीमाओं पर शराब तस्करी: पुलिस की असफलता और चुनौतियां

हरियाणा और पंजाब से राजस्थान के बीकानेर रेंज जिलों को पार करके शराब की बड़ी पैमाने पर तस्करी हो रही है, जो आखिरकार गुजरात में पहुंचती है। इसे ध्यान में रखते हुए, आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, पुलिस ने इन राज्यों की सीमा को सील करने का निर्णय लिया है। हालांकि, मुख्य यातायात मार्गों पर जैसे कि भारतमाला कॉरिडोर और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे पर अभी तक कोई चेकपोस्ट नहीं लगाया गया है।

तस्करी में प्रमुखता से इस्तेमाल होने वाले ट्रक, ट्रेलर, कंटेनर और टैंकर में करोड़ों की अंग्रेजी शराब होती है, जिसे राजस्थान से देशभर में पहुंचाया जाता है। इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के बीच हुई बैठक में नाकों को मजबूती प्रदान करने का निर्णय लिया गया, लेकिन मुख्य मार्गों पर इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया है।

अंग्रेजी शराब की बड़ी पैमाने पर तस्करी के बावजूद, कुछ जिलों ने इसे पकड़ने में सफलता पाई है। उदाहरण स्वरूप, बीकानेर में 797 मामले दर्ज किए गए जिसमें 852 आरोपी पकड़े गए और अंग्रेजी शराब की 57,011 बोतलें जब्त की गईं। समान रूप से, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में भी बड़ी संख्या में तस्करी में शामिल लोगों को पकड़ा गया और शराब की बोतलें जब्त की गईं।

तस्करों द्वारा प्रमुखता से चुने जाने वाले मार्ग में हरियाणा, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, और गुजरात होते हुए अनेक अन्य जिलों को शामिल किया गया है।

इस मुद्दे पर ध्यान देने वाली बात यह है कि जब तक इन मुख्य मार्गों पर भी जाँच-पड़ताल की स्थितियों को मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक तस्करी रोकना कठिन है। पुलिस और प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और तस्करों के पास होने वाले आधुनिक तकनीकी उपायों के मद्देनजर, प्राथमिकता से इसे रोकने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए।