लेखराम खिलेरी, राजस्थान के बीकानेर जिले के लखासर गांव के निवासी, ने हाल ही में चीन के हांगझाऊ में आयोजित एशियाई गेम्स में रोइंग के कोक्सलेस पेयर इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। उसकी यह उपलब्धि ने उसके गांव और परिवार को गर्वित किया। उसकी बहन ने यह अवसर पकड़ते हुए वह स्केच दिखाया जो वह तब बना चुकी थी जब लेखराम ने आर्मी में शामिल होते हुए खेल में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी।
लेखराम का कहना है कि वह अपने बचपन में गांव की छोटी डिग्गियों में ही पानी देखता था और कभी नौका चलाने का विचार भी नहीं किया था। वह आर्मी में शामिल होने के बाद ही इस खेल से मिला और उसकी प्रतिभा को पहचानने का मौका मिला। उसके पिता, जो पूर्व में BSF में सेवानिवृत्त हो चुके थे, ने उसे प्रोत्साहित किया और उसकी मेहनत का फल आज वह एशियाई गेम्स में मेडल जीतकर दिखा रहा है।
रोइंग एक विशेष खेल है जिसमें बैलेंस और ताकत की आवश्यकता होती है। लेखराम का कहना है कि जब वह पहली बार नाव में बैठा, तो वह डर गया था। लेकिन उसने अपने आप को संभाला और नौकायन में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। आर्मी के प्रशिक्षकों ने उसे तकनीकी दृष्टिकोण से प्रशिक्षित किया और आज वह इस मुकाम पर है।
वह बताते हैं कि आर्मी में खेलों को बड़ा महत्व दिया जाता है और उसकी प्रतिभा को पहचानने वाले प्रशिक्षकों की वजह से ही वह आज यहां पहुंचा है। वह अपने परिवार और प्रशिक्षकों को इस उपलब्धि का श्रेय देते हैं।
लेखराम की इस उपलब्धि ने राजस्थान और खासकर उसके गांव के युवाओं में खेल के प्रति उत्साह बढ़ाया है। अब और भी बहुत सारे युवा इस खेल में प्रशिक्षण लेने का विचार कर रहे हैं। लेखराम का मानना है कि अगर वह इस मुकाम पर पहुंच सकता है, तो अन्य युवा भी पहुंच सकते हैं। उसकी सलाह है कि खेल में मेहनत और समर्पण से ही सफलता मिलती है।
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