पुलिस की विवादित कार्रवाई: महाजन गांव की लड़की स्नेहा उर्फ शालू की गुमशुदगी की सूचना थाने में दर्ज होने के बावजूद, जब उसका शव मलकीकर पंपिंग स्टेशन पर मिला, पुलिस ने तुरंत और बिना पड़ताल के उसे पोस्टमार्टम करवा दिया और दफना दिया।
लड़की के परिजन, जो उसकी खोज में थे, जब लूणकरनसर पहुंचे, उन्हें यह सूचना मिली कि एक लड़की का शव दफना दिया गया है। फोटो देखकर वे लड़की को पहचानते हैं। पुलिस पर उन्होंने आलोचना की कि बिना पहचान के वे कैसे शव को दफना सकते हैं।
शालू की मौत: शालू के परिवार ने आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम सही ढंग से नहीं किया गया। इस पर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर भी सवाल उठाया गया। वे मानते हैं कि शालू की हत्या हो सकती है, और उसका शव नहर में फेंका गया है।
पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने जल्दी में शव का पोस्टमार्टम करवाया और उसे दफना दिया, बिना किसी और थाने से सहमति प्राप्त किए। उस समय तक, शालू की गुमशुदगी की जानकारी महाजन थाने में पहले ही दर्ज की जा चुकी थी। परिवार की नाराजगी और उनके आलोचना के चलते, थानाधिकारी और दो कांस्टेबल को स्थगित कर दिया गया।
आगे की कार्रवाई: जब परिवार की आलोचना बढ़ी, शव को दोबारा निकाला गया और मोर्चरी में रखा गया। परिवार अब जांच की मांग कर रहा है और शनिवार को विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं।
लूणकरनसर के सीओ ने स्थिति की जांच की बात की है, और कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने पर उन पर कानूनी कार्रवाई होगी। यह घटना उन्हें और पुलिस प्रशासन को सतर्क बनाती है, ताकि भविष्य में ऐसी घातक गलतियां न हों।
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