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मोबाइल कैंसर डिटेक्शन वैन: आरटीओ अनुमति की प्रतीक्षा में

आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेंटर का एक मोबाइल कैंसर डिटेक्शन वैन पिछले 24 दिनों से स्थानीय हॉस्पिटल में पार्क है। इस वैन को आरटीओ द्वारा पंजीकृत नहीं किया गया है, जिसकी वजह से यह अभी तक उपयोग में नहीं लिया गया है, हालांकि इसका इंतजार गाँवों में हो रहा है।

राज्य सरकार ने पिछले महीने सीआरएस फंड का उपयोग करते हुए इस वैन को सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज को प्रदान किया। यह वैन अब तक गांवों में पहुंचाने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि कुछ आवश्यक प्रक्रियाएं और शेड्यूल अभी बाकी हैं। वैन की खरीददारी संबंधित कंपनी ने सभी जरूरी पत्र नहीं प्रेषित किए हैं, जिससे इसकी पंजीकरण प्रक्रिया में विलंब हुआ है।

चूंकि वैन में मोडिफिकेशन की गई है, इसलिए इसका पंजीकरण आवश्यक है। वैन का पंजीकरण होने पर ही इसे जिले की पीएचसी और सीएचसी में पहुंचाया जाएगा। इस वैन के माध्यम से विशेष रूप से महिलाओं के बच्चेदानी और ब्रेस्ट कैंसर की जांच होगी, जो कि उनमें 20-20 प्रतिशत की दर से पाया जाता है।

डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने बताया कि वैन का डेमो पूरा हो चुका है और इसे जिले के अन्य स्थलों पर पहुंचाने का योजना बनाई जा रही है। इस वैन में गले, बच्चेदानी, ब्रेस्ट और फेफड़ों के कैंसर की जांच की उचित सुविधाएं हैं। वैन में एंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, मेमोग्राफी और डिजिटल एक्स-रे जैसी उपकरण हैं जिससे विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान की जा सकती है।

इस वैन के माध्यम से गांवों में कैंसर की जागरूकता बढ़ाई जाएगी और समय पर निदान से रोगियों की सहायता की जा सकेगी। यह वैन एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो कैंसर के प्रसार को रोकने में मदद करेगा। अब आवश्यक है कि पंजीकरण की प्रक्रिया को जल्दी पूरा किया जाए ताकि इस वैन को उसके उद्देश्य पर पहुंचाया जा सके।