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बारिश, सफाई कर्मचारियों की छुट्टी और शहर में सफाई संकट

बारिश की वजह से गलियों में जमा हो रहा कचरा शहर के वासियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। इस समस्या को और भी बढ़ा दिया गया है क्योंकि सफाई कर्मचारी भी अब छुट्टी पर हैं और उनके अभाव में कचरा जमा हो रहा है। नगर निगम के टिपर जिनका काम कचरा उठाना है, वे भी अधूरे हैं।

मोहल्ले के लोगों ने अपनी सफाई के लिए अब खुद कचरा सेंटर बना लिया है। यहाँ तक कि कुछ टिपर वाले भी कह रहे हैं कि वे अगले आठ दिन तक कचरा उठाने नहीं आएंगे। इसका मुख्य कारण है कि बीकानेर और राजस्थान में मेलों का समय आ गया है और बहुत सारे कर्मचारी मेलों में जा रहे हैं।

नगर निगम के सफाई कर्मचारी आमतौर पर इस समय छुट्टी पर जाते हैं और इस समय शहर की सफाई का जिम्मा संविदा कर्मियों पर आ जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है। निगम ने भले ही छुट्टियां दी है, लेकिन उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है जिससे कि जो कर्मचारी छुट्टी पर हैं उनकी जगह कोई और काम कर सके।

अधिकांश सफाई कर्मचारी एक समय पर ही छुट्टी लेकर जा रहे हैं, जिससे शहर में सफाई की समस्या और भी बढ़ गई है। ऐसे में जब उनका कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। छुट्टियों का प्रावधान होना चाहिए, लेकिन इसे सही तरह से प्रबंधित करने के लिए भी निगम को समझदारी से काम करना होगा।

अगर इस समस्या का हल जल्द से जल्द नहीं निकाला गया, तो शहर के वातावरण को भी नक्सली आ सकता है और लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है। इसलिए, निगम को जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए और इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।

आशा है कि निगम इस पर जल्द ही ध्यान देगा और शहर की सफाई की समस्या का समाधान निकालेगा।