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महिला आरक्षण बिल: मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय

महिला आरक्षण बिल, जिसे “नारी शक्ति वंदन विधेयक” के नाम से भी जाना जाता है, ने एक नई अध्याय की शुरुआत की है। इस बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पारित करने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। जिन्होंने उन्हें बिल को पास करवाने के लिए धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश की महिलाओं को बधाई दी और इसे एक ऐतिहासिक कदम के रूप में प्रस्तुत किया। वे मानते हैं कि इस निर्णय से देश की आने वाली पीढ़ियां प्रेरित होंगी।

इस बिल की सफलता की खुशी में भाजपा कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। वे गुलाल लगा रही थीं और मिठाई बाँट रही थीं। इस बिल का मकसद महिलाओं को राजनीतिक जगत में और भी अधिक प्रतिनिधित्व दिलाना है।

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद में विशेष सत्र बुलाया, जिसमें इस बिल पर चर्चा हुई। 20 सितंबर को, बिल ने लोकसभा में विराट बहुमत प्राप्त किया, और अगले दिन राज्यसभा में भी सभी सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ।

अब इसे प्रांतीय विधानसभाओं को भेजा जाएगा और 50% विधानसभाओं के पारित होने पर इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा ताकि इसे कानून बनाया जा सके।

यह बिल पहली बार 14 साल पहले प्रस्तावित हुआ था। इसके पास होने से पहले यह अनेक विवादों और चुनौतियों का सामना कर चुका है। अब 2023 में, इसे अंतत: लोकसभा में पेश किया गया और अगर यह पारित होता है तो लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

इस विधेयक का पास होना देश में नारी शक्ति की पहचान और मान्यता को मजबूती प्रदान करेगा और इसे समझा जाएगा कि महिलाओं का राजनीतिक जगत में समर्थन और प्रतिनिधित्व बढ़ाना देश के विकास में महत्वपूर्ण है।